हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , रसूल के नवासे इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और कर्बला के 72 शहीदों की याद में माहे मोहर्रम 1443 कि 1 तारीख से ही मजलिस का सिलसिला शुरू हो गया खासतौर पर इमाम बारगाहों में अज़ादारी का सिलसिला शुरू हुआ और बाकायेदा यह सिलसिला जारी रहा
हालांकि पिछले साल की तरह इस साल भी कोरोना गाइडलाइन के चलते कुछ पाबंदियों के साथ 10 मोहर्रम तक मजलिसे की गई,
कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इमाम हुसैन (अ.स.) के मातम करने वालों ने मुंबई के विभिन्न इमामबाड़ों में अपने पारंपरिक अंदाज में मजलिस का आयोजन किया। मुंबई के इमामबाड़ा जफरिया शिवाजीनगर गोंवंडी की जानिब से क़दिमी अशरा इमामबाड़ा जाफरिया में आयोजित किया गया, जिसको खतीबे अहले बैत अ.स.मौलाना मुक़दाद हैदर रूहानी ने ,,विलायत,, के मौज़ू पर 10 दिन खिताब किए
मौलाना ने इस आयेत, "انما ولیکم اللہ" को अपना मौज़ू करार दिया और उन्होंने कहा कि अल्लाह के दीन का रखवाला अल्लाह का रसूल है, और वह ईमान वाले है जो नमाज़ की स्थापना करते है और
हालते रोकु में ज़कात देते हैं।
उन्होंने अपनी सभाओं में युवाओं को संबोधित करते हुए आगे कहा कि यही विलायत है,आईम्मा मासूमीन अ.स. के बाद फोकहा को हासिल हैं,रहबरे मुअज़्जम कहते हैं,
बगैर विलायत के अमल काबिले कुबूल नहीं चाहे वह नमाज़ हो या रोज़ा हो या हज हो या जिहाद, हर अमल में विलायत का होना वाजिब है क्योंकि
विलायत ही अमल की जेहत तय करती है विलायक इंसान को मकसद और हदफ देती है, और यह मकसद और हदफ अल्लाह का वली बताइएगा,
शरीर और आत्मा दोनों को मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।
आयोजकों में श्री लाडले हुसैन, श्री ताहिर हुसैन और श्री प्यारे हुसैन ने कहा कि यह मजलिस कदीमी है तकरीबन 30 साल से आयोजित की जा रही है।
और हमेशा हजारों लोग उपस्थित रहते थे।
इस वर्ष हमने कोरोना महामारी के कारण सरकार द्वारा हमें दी गई कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए हमने मजलिसों और अज़ादारी को बरपा किया और कर्बला के शहीदों को श्रद्धांजलि पेश की हम शुक्रगुज़ार हैं उन लोगों के जिन्होंने मजलिसों में शिरकत की और और अपना कीमती वक्त दिया,

विलायत, आईम्मा मासूमीन अ.स. के बाद फुकहा को हासिल हैं जिसे वलिये फकीह या रहबरे मुअज़्जम कहते हैं, मौलाना मिक़दाद हैदर रूहानी
हौज़ा/ विलायत ही अमल की जेहत तय करती है विलायक इंसान को मकसद और हदफ देती है, और यह मकसद और हदफ अल्लाह का वली बताइएगा, शरीर और आत्मा दोनों को मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।
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अज़ादारी इमामे हुसैन से हमें खुदा की बंदगी का दरस मिलता है, मौलाना रोमान रिज़वी
हौज़ा/ अल्हम्दुलिल्लाह अज़ादारी इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का सदका है, आज हमारी कौम के नौजवान मस्जिदों में नमाज़ कि सफ में भी नज़र आते हैं। और मातम जुलूस में…
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जैदपुर बारा बंकी में अशरा ए मोहर्रम की छठी मजलिस को संबोधित करते हुए:
जो क़यामे इमाम हुसैन (अ.स.) का लक्ष्य था वही अज़ा ए इमाम हुसैन (अ.स.) का लक्ष्य है; मौलाना जहूर मेहदी मौलाई
हौज़ा / मौलाना ने कहा: जो क़यामे इमाम हुसैन का मकसद था वही अज़ा ए इमाम हुसैन का मकसद है।
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कर्बला के शहीदों का चेहलुम,और मजलिस की व्यवस्था
हौज़ा/ सफर की 20 तारीख को शिया बरादरी की ओर से कर्बला के शहीदों का चेहलुम मनाया गया चेहलूम के मौके पर अज़ादराने हुसैन ने मजालिस और जुलूस निकाल कर कर्बला…
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अज़ादारी-ए-इमाम हुसैन अ.स इत्तेहाद का मरकज़ हैं इसलिए हमने हमेशा मिम्बर से इत्तेहाद की दावत दी हैं : मौलाना कल्बे जवाद नक़वी
हौज़ा / मौलाना ने एक बार फिर शाह गंज जौनपुर के इलाक़े में पुलिस के ज़रिये ताज़िये की बेहुरमती की सख़्त अलफाज़ में मज़म्मत की। और कहा कि अब जबकि गाइडलाइन आ चुकी…
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सीरते अहलेबैत अ.स. नमूने अमल है मौलाना सैय्यद राहिब हसन ज़ैदी
हौज़ा/मौलाना ने कहा कि अल्लाह की नेमत इतनी हैं कि उसे गिना नहीं जा सकता है और अगर हम अल्लाह की सारी नेमतों का फायदा उठाना चाहते हैं तो हम सीरते मासूमीन…
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:दिन की हदीस
हज़रत अली अ.स. की शहादत से पहले वसीयत
हौज़ा/ हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने शहादत से पहले अपनी वसीयत में यतीमों का ख्याल रखने की ताकीद की हैं।
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कर्बला में इमाम हुसैन को मिली बाहरी और अंदरूनी जीत और यज़ीद हर मोर्चे पर नाकाम, मौलाना कल्बे जवाद नक़वी
हौज़ा / अज़ादारी सभी मुसलमानों द्वारा बिना किसी भेदभाव के मनाई जाती है, हालांकि, कुछ नासेबी हौ जो एक समूह (जमात) से संबंधित हैं, वे अहलेबैत की दुश्मनी…
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मुजफ्फरनगर में इमाम हुसैन अ.स.के चेहलूम के मौके पर मजलिस आयोजित की गई
हौज़ा/उत्तर प्रदेश के जिला मुजफ्फरनगर में चेहलूम के मौके पर इमामबारगाह नदी वाला में मजलिस का आयोजन किया गया
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मेरठ में दस दिनों का मरसिया खवानी प्रोग्राम का समापन
हौज़ा/ मेरठ के इमामबारगाह छोटी कर्बला में मरसिया खवानी का दस रोज़ा प्रोग्राम रखा गया था वह प्रोग्राम समाप्त हो गया इस 10 रोज़ा प्रोग्राम के अंत में कोराअंदज़ी…
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अशरा ए करामत की करामते
हौज़ा / अशरा ए करामत ईरान मे बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, इसका मतलब यह नहीं है कि यह अशरा ईरान के लिए अद्वितीय है, बल्कि दुनिया मे जहा जहा भी हैदरे कर्रार…
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मेम्मबर ऑफ ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड लखनऊः
मासूमीन (अ०स०) और क़ुरआन की निगाह में शबे क़द्र कीअज़मत
हौज़ा / इस्लामी तालीमात में शबे कद्र को एक खास अहमिय्यत हासिल है। यहां तक कि हुजूरे अकरम (स.अ.व.व.) ने फरमाया कि बेशक खुदा ने शबे कद्र को मेरी उम्मत को…
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मजमा ए उलमा व खुत्बा मुंबई मुंबई भारत:
साल 2022 माअरेफते मुस्तफा स.अ.व.व. के नाम से जाना जाए
हौज़ा / मजमा ए उलमा व ख़ुत्बा मुंबई हिंदुस्तान मानवता की दुनिया और इस्लामी जगत, विद्वानों, बुद्धिजीवियों, युवाओं से अपील करता है कि वर्ष 2022 को साले माअरेफते…
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आयतुल्लाहिल उज़्मा हाफिज बशीर नजफी की सेवा में मुबल्लेग़ीन और ख़ुत्बा ए मिंबरे हुसैनी का विशेष प्रतिनिधिमंडल
हौज़ा/ आयतुल्लाहिल उज़्मा हाफिज बशीर नजफी ने नसीहतो में कहा कि जो सभाएँ (मजालिस) होती हैं, चाहे वह अंजुमन हो या साहिबे मजलिस, वो वहा ऐसी चीज़े बाँटे जिस…
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काहेरा में मकामें रासुल हुसैन अ.स. के बारे में मिस्र के पूर्व मुफ्ती की राय
हौज़ा/मिस्र के पूर्व मुफ्ती और जामिया अल अज़हर के बड़े उलेमा की अंजुमन के सदस्य अली जुमआ ने मिस्र में सरे मुबारक इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की उपस्थिति की…
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हज़रत इमाम हुसैन (अ.स.) के ग़म में होने वाली मजलिसो से इंसान गुनाहों से दूर रहता है, मौलाना क़मर सुल्तान
हौज़ा / इमाम हुसैन (अ.स.) के ग़म में बरपा होने वाली मजलिसो के बहुत सारे फायदे हैं एक यह फायदा है कि इंसान गुनाहों से दूर रहता है।
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मुहर्रम को लेकर उत्तर प्रदेश प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन को लेकर शिया राष्ट्र में आक्रोश की लहर
हौज़ा / उलेमा ए मुबारकपुर आजमगढ़ का संयुक्त बयान : उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा इस वर्ष मुहर्रम के संबंध में जारी दिशा-निर्देश ने शिया राष्ट्र की धार्मिक…
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इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई की उपस्थिति में, आखिरी मजलिस हुसैनिया इमाम खुमैनी (र.ह) में हुई
हौज़ा/हुसैनिया इमाम खुमैनी (र.ह) में आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई की उपस्थिति में हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके वफादार साथियों की याद में…
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यह मज़लूमें कर्बला इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की याद है जिसमें मनुष्य के अधिकार और धर्म की रक्षा की है। अल्लामा राजा नासिर अब्बास
हौज़ा/ किसी के अंदर इतनी ताकत नहीं है कि हम से मज़लूमें कर्बला का ग़म को छीन ले,बच्चे, बुजुर्ग, युवा, महिलाएं सभी हुसैनी भावना के साथ सामने आएंगे और इमाम…
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भारी संख्या में शिया और सुन्नी मुसलमानों का सफ़रे इश्क जारी है।
हौज़ा/ हर साल की तरह इस साल भी अरबाईने हुसैनी में बड़ी संख्या में शिया और सुन्नी मुसलमानों ने सफ़रे इश्क को जारी रखा है।
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नजफ से कर्बला तक, प्रेमियों का सफर जारी
हौज़ा / इमाम हुसैन (अ.स.) के चेहलुम के अवसर पर पैदल मार्च मे दसयो लाख इराक़ीयो के अलावा इराक मे मौजूद हज़ारो विदेशी भी मिलयन मार्च मे भाग ले रहे हैं।
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वह दिन दूर नहीं जब आय्यामें फातेमीया आशूरा की तरह मनाया जाएगा, अल्लाह शेख़ सादिक़ जाफरी
हौज़ा/मजलिसे अज़ा को संबोधित करते हुए एमडब्ल्यूएम के सदस्य ने कहा कि आज मुसलमान जनाबे सैय्यदा स.ल. किस ज़ात को आइडियल बनाएं तो समाज में न्याय और इंसाफ…
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इमाम मुहम्मद बाकिर (अ.स.) ने कमसीनी के आलम से ही परेशानियों का सामना किया, मौलाना आशिक हुसैन विलायती
हौज़ा/ इमाम वह मज़लूम तरीन हंसती है जिसने तारीख के दो बद किरदार खानदानों के सबसे क्रूर समय में संघर्ष किया। इमाम ने सबसे क्रूर जाति बानू उमय्या और धोखेबाज…
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इमामत और खिलाफत दोनों ही ईलाही मंसब और इंतेखाब है।मौलाना सैय्यद अली हाशिम अबिदी
हौज़ा/ वाक्ये कर्बला के बाद से आज तक यह सवाल होता हुआ आ रहा है की कर्बला में कौन जीता और कौन हारा?आज नजफ से कर्बला तक लोगों का सैलाब बता रहा है कि मज़लूम…
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हौज़ा न्यूज़ एजेंसी कि ओर से तमाम आलमे इस्लाम को ईदे ज़हेरा स.ल. मुबारक हो
हौज़ा/9रबीउल अव्वाल इमाम ज़माना (अ.स.) के राज्याभिषेक दिवस के अवसर पर, सभी आलमें इस्लाम , विशेष रूप से इमामें ज़माना (अ.स.)और शियों कि खिदम्त में, हौज़ा…
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अमरोहा, मुहर्रम के पहले दस दिनों का मज़हबी अकीदत और एहतेराम के साथ एहतेमाम
हौज़ा/ शहर ,अज़ादारी अमरोहा में मोहर्रम का पहला अशरा निहायत हि अकीदत और मज़हबी जज़्बात के साथ जारी है।
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इमाम ख़ुमैनी र.ह.इमामबाड़े में शामे ग़रीबां की मजलिस
हौज़ा/इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में शामे ग़रीबां की मजलिस हुई जिसमें आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने शिरकत की।
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असीरान ए कर्बला की भूमिका, जबरी खिलाफत के खिलाफ विद्रोह का संदेश है, आगा सैयद मुजतबा अल-मूसवी
हौज़ा / ख़ूने शोहदा के वारिस होने के नाते असीरान ए कर्बला ने हज़रत इमाम सज्जाद के संरक्षण में जिस भूमिका को निभाया है उसने जबरी खिलाफत की नींव को हमेशा…
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मज़बूत क़िलों में बंद होने के बावजूद मौत के चंगुल से बचना संभव नहीं,मौलाना गफिर रिज़वी
हौज़ा / जिनके मन में पाप की बस्ती होती है उनके हृदय में मृत्यु का भय है। जब ईमान वालों के सामने मौत का नाम आता है तो ये कहते नज़र आते हैं,अगर हम सही रास्ते…
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घरों में रह कर नई नस्ल को करें इज्तेमाई इबादतों की तरबियत:मौलाना सैय्यद सफी हैदर ज़ैदी
हौज़ा/मौलाना सैय्यद सफी हैदर ज़ैदी साहब ने कहा कि ज़माना इस वक्त बुरे हालात से गुज़र रहा है, बेहतर यह है कि घरों में रहकर नई नस्ल को करें इज्तेमाई इबादतों…
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काबुल के मरकज़े फिक़ही आइम्मा अ.स. में पैग़ंबरे इस्लाम के चाहने वालों का उमड़ा हुजूम
हौज़ा/ मौलाना खिताब करते हुए फरमाये, हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व कि रिसालत पूरी दुनिया के लिए है और आपकी जिंदगी आलमें इंसानियत के लिए हिदायत का रास्ता है।
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इमाम हुसैन अ.स. की याद में शरबत पिलाया गया
हौज़ा/ हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की याद में कर्बला गेट पर शरबत पिलाकर प्यास बुझाई गई
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मुंबई और भावनगर में आयोजित हज संगोष्ठी + तस्वीरें
हौज़ा / मुंबई और गुजरात के एक प्रसिद्ध औद्योगिक शहर भावनगर में हज्जे बैतुल्लाह पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें इस वर्ष हज पर जाने वाले बड़ी संख्या…
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